ठाकुर का विवादों से गहरा नाता ?
नई दिल्ली, अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट से अतीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मामले की सही से जांच के लिए ये कदम जरूरी है। अतीक अहमद मामले में शीर्ष न्यायालय पहुंचे अमिताभ ठाकुर पहले भी कई मामलों में कोर्ट का रुख कर चुके हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी का विवादों से भी गहरा रिश्ता रहा है। अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें यूपी की योगी सरकार ने साल 2021 में जबरन रिटायरमेंट दे दिया था। यूपी की सरकारों और अपने सेवा काल के दौरान तमाम नौकरशाहों से बिना डरे सवाल दागने वाले अमिताभ का जन्म बोकारो में हुआ था। आईपीएस बनने के बाद वे यूपी के कई जिलों के कप्तान रहे। 03 जून 2021 को यूपी सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश के बाद जबरन वीआरएस दे दिया था। गृह मंत्रालय ने अपनी स्क्रीनिंग के बाद सरकारी सेवा से अनुपयुक्त पाते हुए अमिताभ को रिटायर किया था।
ठाकुर हमेशा से ही बिना डरे अपना काम और अपनी बात कहने वाले अधिकारियों में गिने जाते थे। 2006 में भी फिरोजाबाद के एसपी रहते हुए अमिताभ ने जसराना के थाना प्रभारी का तबादला कर दिया था। इसके बाद एसपी विधायक रामवीर सिंह के कहने के बावजूद उन्होंने थाना प्रभारी को वापस बुलाने से मना कर दिया। पूर्व आईपीएस सपा सरकार के दौरान मुलायम सिंह यादव से भी पंगा ले चुके हैं। उन्होंने 2015 में कहा था कि मुलायम ने एक मामले में मुझे फोन पर धमकी दी है। उनका यह आरोप काफी चर्चा का विषय बन गया था। इसके बाद उन्होंने लखनऊ पुलिस स्टेशन में तहरीर भी दी, लेकिन सपा सरकार होने के चलते मुलायम पर मुकदमा नहीं हुआ। इसके बाद अमिताभ ने कोर्ट का रुख किया और फिर मुलायम पर मुकदमा हुआ। इससे नाराज अखिलेश सरकार ने अमिताभ को निलंबित भी कर दिया था।