सड़क दुर्घटना में घायलों को मिलेगा कैशलेस इलाज, मोदी सरकार ने शुरू की नई स्कीम?
नई दिल्ली। सड़क दुर्घटना में घायलों को कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया पायलट प्रोजेक्ट पूरा हो गया। देशभर में योजना को लागू करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मसौदा भी बना लिया, लेकिन योजना को लागू करने में लगातार हीलाहवाली चल रही थी। इसकी आवश्यकता और गंभीरता को देखते हुए जब सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय को फटकार लगाई तो उसका असर हुआ और मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। योजना पांच मई, 2025 से प्रभावी हो गई है और देशभर में किसी भी प्रकार की सड़क पर दुर्घटना में घायलों को पहले सात दिन तक नामित अस्पतालों में 1.5 लाख रुपये तक के कैशलेज इलाज की सुविधा मिलेगी। कुछ दिन पहले ही कोर्ट ने आठ जनवरी के आदेश के बावजूद इस योजना के क्रियान्वयन न होने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि तीन वर्ष पहले यह प्रविधान अस्तित्व में आया था। आप इतने बेपरवाह कैसे हो सकते हैं? लोग सड़क दुर्घटनाओं में मर रहे हैं। आप बड़े-बड़े हाईवे बना रहे हैं, लेकिन लोग मर रहे हैं क्योंकि वहां कोई सुविधा नहीं है। गोल्डन आवर में इलाज के लिए कोई स्कीम ही नहीं है। इतने सारे हाईवे बनाने का क्या मतलब है? इस योजना का उद्देश्य समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर हर साल सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की संख्या को कम करना है। अधिसूचना में कहा गया है कि किसी भी सड़क पर मोटर वाहन के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटना का शिकार होने वाला कोई भी व्यक्ति इस योजना के प्रविधानों के अनुसार कैशलेस उपचार का हकदार होगा।
पीड़ित व्यक्ति दुर्घटना की तिथि से अधिकतम सात दिनों की अवधि के लिए किसी भी नामित अस्पताल में प्रति पीड़ित एक लाख पचास हजार रुपये तक की राशि के लिए कैशलेस उपचार का हकदार होगा। नामित अस्पताल के अलावा किसी अन्य अस्पताल में इस योजना के तहत उपचार केवल दिशा-निर्देशों के अनुसार होगा, उल्लेखनीय है कि 14 मार्च, 2024 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने चंडीगढ़ में एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया था, जिसे बाद में सड़क दुर्घटना पीडि़तों को कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए छह राज्यों में आजमाया। उसके निष्कर्षों के आधार पर मसौदा बनाया गया और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जनवरी में घोषणा की थी इस योजना को देशभर में लागू करने जा रहे हैं।