बुझ गया घर का चिराग, मां का रो-रोकर बुरा हाल?
नोएडा। वर्षा के दिनों में गड्ढों में जलभराव के साथ-साथ तेज आंधी के कारण पूर्व में कई बार हादसे घटित हुए। कई बच्चों संग बड़ों की जान भी जा चुकी है। आलम यह है कि वर्षा या तेज आंधी आने के बाद लोगों को अनहोनी की चिंता सताने लगती है। जलभराव के साथ तेज आंधी से कोई जनहानि न हो प्रशासनिक स्तर से कार्ययोजना तो बनती है, लेकिन धरातल पर नहीं उतरती। वहीं 21 मई की देर शाम को तेज आंधी के साथ आई वर्षा के कारण मिग्सन एल्टिमो सोसायटी में हुए हादसे में ग्रिल की चपेट में आकर 50 वर्षीय सुनीता व उसके दो वर्ष के नाती अद्विक की मौत को अभी लोग भूल भी नहीं पाए थे कि सेक्टर पीथ्री के थीम पार्क के फव्वारे में जमा वर्षा के पानी में डूबकर बच्चे की मौत ने एक बार फिर सभी को झकझोर दिया है। कोई मेरे पृथ्वी से मिलवा दो। मैं चुपचाप उसे लेकर यहां से चली जाउंगी। घर जाकर परिवार को अब क्या मुंह दिखाएंगे। हम पैसे कमाने नहीं बल्कि अपने बच्चे का इलाज कराने आए थे। ये क्या हो गया। जैसे ही मृतक बच्चे की मां रुचि को बच्चे की मौत का पता चला वह बेसुध हो गई। पीड़ित स्वजन ने बताया कि रुचि का भाई भी ग्रेटर नोएडा में ही किराये पर रहता है। उसकी पत्नी की डिलीवरी हुई थी। दोनों अस्पताल में दो बच्चों को छोड़कर उसे देखने गए थे।
हादसा प्राधिकरण की लारवाही की वजह से हुआ है। फव्वारा कई सालों से बंद पड़ा है। बच्चों की सुरक्षा की दृष्टिगत इसके चारों तरफ ग्रील लगाने या फिर इसे पाटने को लेकर शिकायती पत्र सौंपे जा चुके हैं, जिस का डर था आखिरकार वहीं हुआ।