26 C
Uttar Pradesh
Tuesday, November 19, 2024

इजराइली हमले में मारे गए बच्चों की लाशों पर बिलखती मांताये, सड़कों पर पड़े शव ..

जंग में मौत, तड़प, भूख, तबाही और शर्मिंदगी जैसी हकीकत को बयां करने वाली तस्वीरें .. 

    गाजा, इजराइली सेना के हमले में मारे गए अपने पति के जूतों को सीने से लगाकर रो रही महिला। मिसाइल विस्फोट के बाद मौत के मुंह से बचकर निकले डरे-सहमे शख्स। समय से पहले पैदा होने वाले नवजात। भूख के मारे जान गंवाने वाले बच्चे। गाजा में पिछले साल आज ही के दिन शुरू हुई जंग के बाद ऐसे कितने ही लम्हों की तस्वीरें दुनियाभर के पत्रकारों के कैमरों में कैद हुई हैं। हर तस्वीर के पीछे दर्दनाक कहानी है। जगह- सेंट्रल गाजा का दायर-अल-बलाह इलाका। 9 साल का खालिद जोदेह अपनी मां के चांद से माथे पर दिन-ब-दिन पड़ती जा रही शिकन से समझने लगा था कि कुछ बुरा हो रहा है। तभी 22 अक्टूबर को एक तेज धमाके में उसका पूरा परिवार खत्म हो गया। उत्तरी गाजा से हवाई हमले शुरू करने वाली इजराइली सेना जंग के 15 दिन के भीतर गाजा पट्टी के बीचों-बीच पहुंच चुकी थी। जहां खालिद अपने परिवार के साथ रहता था। हमले में उसके माता-पिता के अलावा एक भाई और बहन की भी मौत हो गई थी। पूरे परिवार में सिर्फ वो और उसका 7 साल का छोटा भाई तामेर बचा था। तामेर की हालत ठीक नहीं थी, हमले में उसकी पीठ और एक पैर में बुरी तरह चोट लगी थी। उम्र में तामेर से सिर्फ 2 साल बड़ा खालिद उसे जीने का हौसला देता था। तामेर रोता तो वो उसे गले लगाकर चुप कराता। खालिद कहता कि मां-बाबा आसमान से उसे देख रहे हैं, उसके रोने से उन्हें दुख पहुंचेगा। गाजा में रोज होते धमाकों के बीच खालिद का हौसला भी कुछ समय बाद बेअसर होने लगा। कुछ ही दिन में तामेर ने दम तोड़ दिया। भाई की मौत के बाद खालिद रात में अचानक उठता और डर से चीखने लगता। कुछ महीनों बाद इजराइल के हमले में घायल होकर खालिद ने भी दम तोड़ दिया। रॉयटर्स के लिए काम करने वाले मोहम्मद सालेम को जानकारी मिली कि खाना यूनिस में इजराइल ने बड़ा हमला किया है। सालेम तेजी से खान यूनिस के अस्पताल पहुंचा। वहां मची भगदड़ के बीच उसकी निगाह एक औरत पर पड़ी, जो अपनी गोद में बच्चे की लाश लिए रो रही थी। अस्पताल के लोग उसे मना रहे थे कि वो लाश अपनी गोद से उतार दे, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी। पूछताछ पर पता चला कि औरत का नाम इनास अबु मामार है, जिसका घर खान यूनिस पर हुए हमले में तबाह हो गया था। उसके परिवार के सारे लोग मारे गए थे। उसकी गोद में जो मरा हुआ बच्चा था, वह उसकी 5 साल की भतीजी सैली थी।

      गाजा में मौत किसी से भेदभाव नहीं करती, इजराइली बमबारी का रूप लेकर वो कभी भी, कहीं भी आ सकती है। मोहम्मद अलालौल 5 नवंबर को जब घर पहुंचे तब तक उनके चारों बच्चे मारे जा चुके थे। हमला रात में हुआ, उस वक्त सब लोग सो रहे थे।

ताजा खबर

सम्बंधित खबर

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें