नई दिल्ली, यूनिसेफ इंडिया के स्वास्थ्य प्रमुख लुइगी डी एक्विनो ने मंगलवार को कहा कि भारत ने डिजिटल स्वास्थ्य को अपनी टॉप प्राथमिकताओं में से एक माना है। साथ ही डिजिटल स्वास्थ्य कार्यक्रमों को बढ़ाने और लागू करने में बढ़िया विशेषज्ञता भी हासिल की है। दूसरी जी20 हेल्थ वर्किंग ग्रुप की बैठक में भाग ले रहे डी एक्विनो ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने विभिन्न अनुप्रयोगों और पहलों के माध्यम से दुनिया को कई स्वास्थ्य कार्यक्रमों की उपलब्धता, पहुंच और दक्षता में सुधार के लिए डिजिटल सेवाओं की क्षमता का एहसास कराया है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और कई चुनौतियों और अवसरों का पता लगाने और उन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है। फिर भी, विकसित होते टूल, विजन और रणनीतियों ने नागरिकों के लिए डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बना दिया है। उन्होंने आगे कहा “यूनिसेफ में हम बच्चों के अधिकारों को प्राथमिकता देते हैं इसमें जीवन, स्वास्थ्य और विकास के मौलिक अधिकार शामिल हैं। इसलिए हम सक्रिय रूप से डिजिटल स्वास्थ्य पहलों का समर्थन और प्रचार करते हैं जो आशा, एएनएम और नर्स जैसे स्वास्थ्य कर्मियों की सहायता कर सकते हैं।”
डी एक्विनो ने इस बात पर भी जोर दिया कि यूनिसेफ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ प्रजनन और बाल स्वास्थ्य पोर्टल को लेकर भी काम कर रहा है। यह स्वास्थ्य कर्मियों को महिलाओं और बच्चों के बारे में रीयल-टाइम डेटा प्रदान करने में सक्षम करेगा। इसमें प्लानिंग, निर्णय लेने, ट्रैकिंग व बच्चों के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार होगा। उन्होंने कहा, “हम भारत के कई राज्यों के साथ डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों की परिकल्पना, इम्पलीमेंट, निगरानी और विस्तार करने के लिए भी काम करते हैं, जो स्वस्थ व्यवहार, प्रथाओं और सेवाओं तक पहुंच बढ़ा सकते हैं।”