भाषा विवाद पर मीरा भायंदर में बवाल, रैली निकाल कर मनसे के कई कार्यकर्ता हिरासत में ..
मीरा रोड। ठाणे जिले के मीरा रोड से पुलिस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। ये कार्यकर्ता हिंदी न बोलने पर थप्पड मारने वाली एक घटना के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के जवाब में प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि उन्होंने इस रूट पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी थी। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाया कि जब दुकानदारों को विरोध करने की छूट मिली, तो उनकी विरोध पर पाबंदी क्यों? कई कार्यकर्ताओं ने धमकी भरे लहजे में कहा, महाराष्ट्र में रहने वाला हर शख्स मराठी सीखे, वरना अंजाम भुगतेगा। वही पुलिस ने एमएनएस कार्यकर्ताओं को वैन में बिठाकर थाने ले गए। इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि रैली की इजाजत पुलिस ने नहीं दी थी .. उन्होंने कहा महाराष्ट्र में हर किसी को विरोध करने का हक है, बशर्ते पुलिस की इजाजत हो। ट्रैफिक और भीड़ का खतरा था। पुलिस आयुक्त ने बताया कि एमएनएस नेताओं से रास्ता बदलने को कहा गया, मगर वो अड़े रहे, इसलिए उन्हें रोका गया। फडणवीस ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे महाराष्ट्र का मिजाज पता है। ऐसी हरकतें यहां नहीं चलेंगी। मराठी इंसान का दिल बड़ा है, वो छोटी सोच नहीं रखता। इस मामले की शुरुआत रविवार रात को हुई, जब मीरा रोड पर जोधपुर स्वीट शॉप चलाने वाले 48 साल के बाबूलाल चौधरी और उनके कर्मचारी बघाराम पर सात एमएनएस कार्यकर्ताओं ने हमला किया। इसकी वजह थी कि बघाराम ने हिंदी में बात की थी।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना केकार्यकर्ताओं ने मराठी में बोलने के लिए कहा, जबकि चौधरी ने कहा कि महाराष्ट्र में हर भाषा बोली जाती है। इस हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस विवाद की जड़ें महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले में हैं जिसमें प्राइमरी स्कूलों में हिंदी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही गई थी। हालांकि बाद में इसे रद्द कर दिया गया था।