बिहार। भगवानपुर ब्लाक के शाहपुर गांव स्थित पीएमश्री राजकीय प्राथमिक विद्यालय की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कई अनियमितता सामने आई हैं। जांच में पता चला है कि कागजों में रोजाना 187 ऐसे बच्चों के लिए भी मिड डे मील बनाया जा रहा था, जो अप्रैल से स्कूल नहीं आए। इसके अलावा स्कूल में एक्सपायरी डेट के दूध के पैकेट मिले हैं। यह भी पता चला है कि स्कूल के लिए डेढ़ लाख रुपये में वाद्ययंत्र खरीदे गए थे, जिनका बिल लगाकर भुगतान भी ले लिया गया, लेकिन मौके पर कोई वाद्ययंत्र नहीं मिला। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने निलंबित हेडमास्टर से जवाब मांगा है।
केंद्र सरकार की ओर से पीएमश्री योजना के तहत चयनित विद्यालयों को विशेष अनुदान मिलता है। भगवानपुर ब्लाक में शाहपुर के प्राथमिक विद्यालय का चयन भी इस योजना के तहत किया गया था, लेकिन इस विद्यालय में कई तरह की गड़बड़ी मिली हैं। खंड शिक्षा अधिकारी अभिषेक शुक्ला ने इसकी जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इसमें मानकपुर हाईस्कूल के प्रधानाचार्य सुरेंद्र कुमार निरंजन, सरोजनी गुप्ता, राजकुमार सैनी व रवि कुमार को शामिल किया गया। टीम ने 12 अगस्त को विद्यालय पहुंचकर छानबीन की तो मिड डे मील में 229 बच्चे दिखाए गए, जबकि मौके पर 108 बच्चे ही मिले। इसके बाद 13 अगस्त को टीम ने फिर जांच की। इस दौरान 229 बच्चे उपस्थित दिखाए गए और मौके पर 142 बच्चे मिले। मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता ने बताया कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में स्कूल में कई तरह की गड़बड़ी मिली हैं। मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं। निलंबित हेडमास्टर अनिल कुमार चौहान से खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से जवाब देने को कहा गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।