सवालों के घेरे में तुलिंज पुलिस स्टेशन !
नालासोपारा। यह देश का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि गरीबों के खिलाफ अगर एक शिकायत हो जाये तो वो सलाखों के अंदर नजर आता है परंतु जिसके पास पैसा और पावर है वह कानून के शिकंजों से दूर नजर आता है। ज्ञात हो कि पुलिस का काम है आम जनता की सुरक्षा एवं अवैध गतिविधियों पर नजर रखकर समय-समय पर कार्यवाई करे मगर स्थानीय पुलिस ध्यान देना तो दूर अवैध गतिविधियों में ही संलिप्त होकर माफियाओ के साथ मिलकर संरक्षण देने का काम कर रही है, आश्चर्य की बात है कि विराज होटल में चल रहे जिस्मफरोशी के धंधे को लेकर नालासोपारा के संगठनों एवं द रेड स्टार न्यूज़ पेपर द्वारा कई बार स्थानीय तुलिंज पुलिस में मामला उठाया गया, परन्तु इसके बावजूद तुलिंज पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की.? जिसके कारण नालासोपारा के स्थानीय रहिवासियों में काफी आक्रोश का वातावरण बना हुवा है। वहीं सामाजिक महिला संगठनों एवं पत्रकारों ने भी पुलिस प्रशासन के ऊपर अब प्रश्नचिन्ह लगा रहे है ? उनका कहना है कि ऐसी कौन सी मज़बूरी है की जो पुलिस प्रशासन विराज होटल के खिलाफ कोई कदम उठाने से कतराती है या विराज के मालिक से अनैतिक व्यवहार कर अपना ईमान एवं नैतिकता गिरवी रख दिया है। क्या पुलिस प्रशासन को कालेज एवं नवयुवक बच्चों के भविष्य से कोई लेना देना नहीं है, जो नवयुवकों को इस दलदल की तरफ आकर्षित कर रहा है। क्यों पुलिस अपना पल्ला झाड़ते हुए अपने कर्तव्य से दूर होती दिखाई दे रही है। स्थानीय पुलिस की चुप्पी ही जिस्मफरोशी अड्डों को चलाने एवं दलालों के हौसले को बुलंद करती है जो बिना किसी भय से अपने अवैध धंधे को बड़े ही शान से चला रहा है।