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Sunday, September 15, 2024

शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का मामला, कंसल्टेंट गिरफ्तार …

शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का मामला, कंसल्टेंट गिरफ्तार

      महाराष्ट्र, कोल्हापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में सिंधुदुर्ग पुलिस ने स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट और ठेकेदार चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया है। चेतन को आज सिंधुदुर्ग लाया जाएगा। चेतन पाटिल को गुरुवार रात कोल्हापुर में उसके रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया गया। चेतन ने पहले दावा किया था कि वह प्रोजेक्ट के स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट नहीं थे। इधर महाराष्ट्र कला निदेशालय के डायरेक्टर राजीव मिश्रा का कहना है कि हमने सिर्फ 6 फीट के लिए परमिशन दी थी। नौसेना ने बिना बताए इसकी ऊंचाई 35 फीट कर दी। 26 अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा गिरने के बाद सिंधुदुर्ग पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई थी। इसमें ठाणे के मूर्तिकार जयदीप आप्टे का नाम भी शामिल था। महाराष्ट्र कला निदेशालय के डायरेक्टर राजीव मिश्रा का कहना है कि उन्होंने केवल 6 फीट की मूर्ति लगाने की परमिशन दी थी। इसके लिए मूर्तिकार ने मिट्टी का मॉडल दिखाया था। मंजूरी मिलने के बाद नौसेना ने निदेशालय को यह नहीं बताया कि मूर्ति 35 फीट ऊंची होगी। न ही यह बताया गया कि इसमें स्टील की प्लेटों का इस्तेमाल किया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि अब से कलाकारों और मूर्तिकारों को प्रतिमा स्थापित होने के बाद निदेशालय से अंतिम मंजूरी लेने के लिए कहा जाना चाहिए, न कि केवल मिट्टी के मॉडल के आधार पर। मंजूरी के लिए यह एक शर्त होनी चाहिए। जब शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाई गई थी तब चेतन पाटिल स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट थे। वे 2010 से कोल्हापुर के एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर भी रहे। चेतन ने 2 दिन पहले न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, प्रतिमा के निर्माण से मेरा कोई लेना-देना नहीं हैं। मैंने मूर्ति के लिए केवल प्लेटफॉर्म का डिजाइन तैयार किया था। मूर्ति का काम पुणे की कंपनी को दिया गया था।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 29 अगस्त को कहा था कि राज्य सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा दोबारा बनवाने के लिए युद्धस्तर पर फैसला ले रही है। घटना की जांच के लिए दो समितियां बनाई गई हैं। इसके लिए नौसेना के अधिकारी, आईआईटियन्स, वास्तुकारों, इंजीनियरों और अंतरराष्ट्रीय नामी मूर्तिकारों को बुलाया गया है। विपक्षी दल इस मामले में राजनीति न करें। छत्रपति शिवाजी महाराज को सम्मान देना सभी का कर्तव्य है।

 

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