होगा बड़ा आंदोलन ! किसानों ने प्राधिकरण के अधिकारियों को दी चेतावनी …
नोएडा। किसानों की समस्याओं को निस्तारण करने के लिए शासन के निर्देश पर हाई पावर कमेटी गठित हुई थी, लेकिन इस कमेटी की रिपोर्ट नहीं आने पर किसानों में कड़ा ऐतराज जताया है। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ग्रुप के किसानों ने नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर सीईओ डॉ. लोकेश एम के साथ बैठक की। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही कमेटी की रिपोर्ट नहीं आती तो किसान बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके जिम्मेदार स्वयं अधिकारी होंगे। किसानों की ओर से लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन शासन प्रशासन समाधान करने को तैयार नहीं है। सभी किसानों को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत भूखंड, किसानों की भूमि अधिग्रहण व सहमति प्रतिकर में बढ़ोतरी, 50 प्रतिशत व्यावसायिक गतिविधि, आबादियों का संपूर्ण निस्तारण, क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार, पुश्तैनी गैर पुश्तैनी का भेदभाव खत्म, प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों का स्मार्ट विलेज के तहत सुंदरीकरण कराया जाए। याकूबपुर, गुलावली, सिलारपुर, नंगली वाजिदपुर, नवादा, वजीदपुर गांवों में बारात घर, सीवर, पानी, पार्क का निर्माण कराया जाए। इस मौके पर अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार खत्री, भूलेख विभाग ओएसडी महेंद्र प्रसाद, क्रांति शेखर सिंह, जन स्वास्थ्य विभाग महाप्रबंधक एसपी सिंह व नियोजन विभाग महाप्रबंधक मीना भार्गव, सिविल विभाग उप महाप्रबंधक विजय कुमार रावल, किसान नेता राबिन नागर समेत अन्य मौजूद रहे। बिल्डरों के चंगुल में फंसे तीन लाख फ्लैट खरीदारों को जल्द से जल्द राहत दिलाने और आशियाने का मालिकाना हक के लिए हर संभव प्रयास किया जाए। जिन बिल्डरों को प्राधिकरण का नुकसान कर अब तक अधिकारियों व कर्मचारियों ने लाभ पहुंचायाहे। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे आम जन का विश्वास शासन सतर पर मजबूत हो।
यह आदेश लोक लेखा समिति ने शासन को दिया है, स्पष्ट किया है कि सचिव स्तर की दो जांच कमेटियों का गठन किया जाए। इसमें से एक जांच कमेटी ग्रुप हाउसिंग और दूसरी स्पोर्ट्स सिटी के प्रकरण का निपटान करे। यहीं नहीं इन्हीं कमेटियों की ओर से दोषियों को चिह्नित करने का काम भी होगा। इन प्रकरण की जांच रिपोर्ट दो माह में पीएसी के सामने रखनी होगी। बृहस्पतिवार को लखनऊ में लोक लेखा समिति (पीएसी) की ओर से स्पोर्ट्स सिटी, ग्रुप हाउसिंग, व्यावसायिक, नियोजन विभाग से जुड़े कामकाज पर लगी कैग (सीएजी) की आपत्तियों के निस्तारण के लिए नोएडा प्राधिकरण अधिकारियों को बुलाया था।