जुगार माफिया और उल्हास नगर पुलिस की आंख मिचौली …
जुगार के अवैध धंधे में है पुलिस की हिस्सेदारी – छोटू सेठ
शहाड पूर्व। ठाणे जिले में अवैध रूप से चलने वाले जुगार के धंधों की भरमार है। अखबारों में बार बार खबरें प्रकाशित होने के बाद भी पुलिस प्रशासन कर्तव्यविमूढ़ है। ऐसा लगता है कि अपने देश में बेईमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। सरकारी तंत्र भ्रष्टाचार की चाशनी में ऐसा नहाया हुआ है कि उसे हमाम के साबुन से कितना भी नहलाओ लेकिन वो निकलने वाला नहीं है। अब तो पुलिस प्रशासन भी भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ है। मटके और जुगार के धंधे में पुलिस प्रशासन की हिस्सेदारी ये दर्शाता है कि कानून व्यवस्था का कितना मजाक उड़ाया जा रहा है। यही कारण है कि जुगार जैसे अवैध धंधा करने वालों पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है। इस अवैध धंधों के कारण कितने परिवार बर्बाद हो रहे हैं परंतु न ही सरकार को इसकी चिंता है और न ही पुलिस प्रशासन को.? सामाजिक संगठनों द्वारा की गई शिकायत और द रेड स्टार न्यूज़ अखबार में न्यूज देने के बावजूद पुलिस के आला अधिकारी और सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। गौरतलब हो कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा जुगार क्लब एवं झट-पट लाटरी पर प्रतिबन्ध होने के बावजूद ठाणे के उल्हास नगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र में जुगार क्लब का धंधा पुलिस चौकी के नाक के सामने बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। स्थानीय व्यापारी संगठन, पत्रकार एवं जागरूक प्रतिनिधियों द्वारा द रेड स्टार न्यूज़ कार्यालय में मिल रही शिकायत के अनुशार जुगार माफिया एवं उसकी टीम द्वारा जुगार का धंधा बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। यह जुगार का धंधा शहाड फाटक उडानपुल के नीचे हनुमान मंदिर के पास 15 से 20 राइटरों के माध्यम से चलाया जाता है। इस मटका जुगार के माध्यम से आने वाले ग्राहकों के साथ चीटिंग भी किया जाता है। जुगार माफिया एवं हिस्ट्रीशीटर छोटू सेठ द्वारा खुलेआम चेलेंज देकर कहता है कि उल्हास नगर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों से हमारे संबंध अच्छे हैैं? स्थानीय पुलिस स्टेशन की भूमिका संदिग्ध होने के कारण कोई भी व्यापारी इन जुगार मफ़ियाओं से पंगा नहीं लेना चाहता। स्थानीय रहिवासियों एवं व्यापारियों ने न्यूज़ कार्यालय पर दूरसंचार के माध्यम से शिकायत करके कथित जुगार माफियाओं पर सख्त कार्यवाई के साथ साथ तड़ीपार करने की अपील की है। इस शिकायत पर न्यूज़ कार्यालय द्वारा लिखित रूप से स्थानीय उल्हास नगर पुलिस स्टेशन, पुलिस उपायुक्त परिमंडल 04 एवं पुलिस आयुक्त कार्यालय ठाणे में की गयी है। अब देखना है कि पुलिस जुगार के धंधे पर कब कार्यवाई करती है? या जुगार के माध्यम से लूटने वाले जुगार माफियाओं को संरक्षण प्रदान करती है.?