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Saturday, July 27, 2024

आनंद पान शॉप की आड़ में धड़ल्ले से चल रहा है गुटका का कारोबार.? 

आनंद पान शॉप की आड़ में धड़ल्ले से चल रहा है गुटका का कारोबार.? 
शासन प्रशासन एवं एफडीए बना मूकदर्शक ..??
कर्तव्य पुलिस अधिकारी की आखों के सामने गुटका माफिया सक्रिय.?
भायंदर पश्चिम। अपने देश में ऐसे लाखो लोग है जो ड्रग्स की चपेट में आकर प्रतिदिन मर कर जीते हैं, यह तो वही जानता है जो गरीब है। आज भी एक गरीब की पूरी उम्र कट जाती है एक घर बनाने में। यह आज भी सच्चाई है। परंतु अपने देश के भ्रष्ट नौकरशाहों व नेताओं की इसकी कोई चिंता नहीं है। इन भ्रष्टाचारियों को तो बस किसी तरह गरीबों का खून चूसकर अपना घर भरना है, हमने पूरे महाद्वीप को रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार में पीछे छोड़ दिया है। महाराष्ट्र राज्य में तो भ्रष्टाचार चरम पर है। यहां का शासन प्रशासन इतना करप्ट है कि मौत के सौदागरों से भी हप्ता लेकर आम जनता के जीवन से खिलवाड़ करती है। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में गुटका और उसके उत्पादन तथा बिक्री पर रोक लगा रखी है, परंतु शासन प्रशासन के आंख के नीचे गुटका माफिया सक्रिय हैं। और गुटका माफिया शहर में गुटका का वितरण कर लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रहे हैं? आश्चर्य इस बात का है कि प्रशासन की नजर में गुटका का उत्पादन व वितरण बंद है परंतु ऐसा नहीं है। बल्कि शहर में गुटका का व्यवसाय खुलेआम जारी है। वर्तमान में गुजरात एवं महाराष्ट्र में गुटका फैक्ट्रियों में आज भी उत्पादन व वितरण किया जा रहा है। गुटका माफिया वितरण व बिक्री के लिए नये नये तरीके इजाद किए हुए हैं। इसी तरह भायंदर पश्चिम स्टेशन के पास स्कायवाक सीढ़ी के सामने आनद ऑनलाइन @ आनंद पान शॉप की आड़ में गुटका की सप्लाई व बिक्री कर लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है। बल्कि पान शॉप की आड़ में गुटका की सप्लाई मीरा भायंदर के पान दुकानों पर सप्लाई गुटका माफिया आनंद द्वारा कराई जा रही है। अब सवाल यह है कि गुटका पर प्रतिबंध के बावजूद इस तरह से शहर में खुलेआम गुटका का वितरण पान की दुकानों पर किया जा रहा है तो क्या एफडीए एवं पुलिस प्रसासन को इसकी जानकारी नहीं? है परंतु पुलिस प्रशासन व एफडीए इस मामले में पड़ना नहीं चाहती क्योंकि पैसा बोलता है? ज्ञात हो कि पान शॉप की आड़ में गुटका नामक जहर की सप्लाई कर लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है। एक प्रकार से देखा जाए तो इस पूरे अवैध धंधों में स्थानीय पुलिस प्रशासन व एफडीए की बराबर की हिस्सेदारी है तभी तो खबरें प्रकाशित होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है? आखिर यह लालच का बाजार इतना पसरा हुआ क्यों है? क्यों लोग रिश्वत लेते हैं? भ्रष्टाचार क्यों करते हैं ? क्यों हर काम के लिए रिश्वत देनी पड़ती है? ईमानदारी क्यों हार गई है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन्होंने ब्लैकमनी, भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी आदि से निपटने के सब्जबाग दिखाए क्या वे बताएंगे कि अब भी भ्रष्टाचार ही क्यों शिष्टाचार बना हुआ है?
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अवैध गुटका सप्लाई की कमाई से प्रॉपर्टी (फ्लैट) की खरीद फरोख्त का खुलासा.?
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